द गर्ल इन रूम 105–९
'ओह, मैने कहा, 'हैप्पी न्यू ईयर'
'लिसन, केशव, मैं शराफ़त से रहना चाहता है। तुम जारा को तंग करना बंद करो।' स्नाला हरामी, ये मुझे ऐसा बोलने वाला होता कौन है? उसका बाप उसका वॉचमैन? और मैं शराफत से
रहना चाहता हूं, ऐसे कौन बोलता है? इसका मतलब क्या है? 'मैं उसे तंग नहीं कर रहा है. मैंने अपनी आवाज संभालते हुए कहा।
'मेरे ख्याल से तुम कर रहे हो, और रेगुलरली कर रहे हो।"
'नहीं।'
'मेरी आंखों के सामने ही यह कई बार हो गया है। बंद करो यह सब मैं तुमसे रिक्वेस्ट करता है. रघु ने शांत
आवाज़ में कहा। शायद उसने न्यू ईयर पर केवल नारियल पानी ही पिया था। 'देखो, ब्रो, मैंने कहा, और सोचने लगा कि अब क्या कहूं व्हिस्की के कारण में एक नपा-तुला लॉजिकल
वाक्य बोलने में मुश्किल अनुभव कर रहा था। वास्तव में मैं केवल इतना भर कहना चाहता था कि "फक ऑफ,
जारा मेरी है। लेकिन उस हालत में भी मुझको इतना मालूम था कि इस समय यह बोलना ठीक नहीं रहेगा।
'जस्ट कट द कॉल, ' मैंने पीछे से जारा की आवाज सुनी। बिचा
'हां, केशव रघु ने संयत स्वर में कहा। 'देखो, जो मैंने फिर दोहराया, 'क्या मैं जारा से बात कर सकता हूँ?"
लेकिन वह तुमसे बात नहीं करना चाहती।'
'यह तुम्हें कैसे मालूम? उसको फोन दो।" 'उसने खुद मुझे कहा अभी क्या तुम हमें चैन से जीने दोगे? हैप्पी न्यू ईयर बाय।'
'सुनो, रघु मैने कहा, लेकिन मेरी आवाज़ बुझ गई थी। क्या?"
'सुनो, रघु, मैं वहा जाऊंगा और तुम्हारी...' इसके बाद मैंने जो बातें कहीं, उन्हें मैं यहां दोहराना नहीं चाहता। अब तो इसलिए कि मुझे ठीक से याद नहीं मैंने क्या कहा। लेकिन जहां तक मैं याद कर पा रहा है, मैंने रघु की मां और बहन की शान में कुछ बातें कही थी और वह भी शुद्ध हिंदी में मैंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया
था कि राजस्थान के ट्रक ड्राइवर्स भी शरमा जाएं।
"और उसके बाद मैं एक डंडा लेकर तुम्हारी... ऐन इसी बिंदु पर सौरभ ने मुझसे फ़ोन छीन लिया। उसने
फोन काटा और अपनी जेब में रख लिया। 'ये तुम क्या चूतियापा कर रहे हो? सौरभ ने मुझ पर चिल्लाते हुए कहा, जबकि वो कभी मुझसे ऊंची
आवाज़ में बात नहीं करता है। तब जाकर मुझको अहसास हुआ कि मैंने क्या कर दिया है।
"तुम जारा को गालिया बक रहे थे, उसने कहा 'नहीं, केवल रघु को, मैंने कहा
"तुमने क्या धर्म-लिहाज बेच खाई है?' सौरभ ने कहा। 'मैं केवल जारा से बात करना चाहता था, लेकिन वो ऐस-होल बीच में आ रहा था।'
वो बीच में इसलिए आ रहा था, क्योंकि जारा खुद तुम से बात नहीं करना चाहती।'
'आज के बाद मैं उसको कभी कॉल नहीं करूंगा।" सौरभ ने अपना सिर हिलाया और मायूस मन से मुस्कराने लगा।
'सच कहता हूँ।'
'तुम उस लड़की को लेकर इतने ऑब्सेस्ड क्यों हो?" "क्या मुझे मेरा फोन वापस मिलेगा?'
सौरभ ने अपनी जेब थपथपाई। 'अभी यह मेरे पास रहेगा। और अगर तुम अब अंदर नहीं चले तो मैं इसे फर्श पर फेंककर चकनाचूर कर
दूंगा